Uttarakhand Tunnel Accident: एक टनल में फंसी 40 जिंदगियां … 3 दिन बाद भी नहीं किया जा सका रेस्क्यू , क्या अब स्टील पाइप से बचेगी मजदूरों की जान

Uttarakhand Tunnel Accident: दीपावली के दिन उत्तरकाशी में बड़ा हादसा हुआ। चारधाम परियोजना के तहत निर्माणाधीन सिलक्यारा-पोल गांव सुरंग में पिछले 50 घंटे से अधिक समय से 40 श्रमिकों की जिंदगी कैद है। इन श्रमिकों को निकालने का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। देहरादून से ऑगर ड्रिलिंग मशीन रात तीन बजे पहुंची। इस मशीन को स्थापित करने का कार्य चल रहा है। श्रमिकों को निकालने के लिए हरिद्वार बादराबाद से 900 एमएम के पाइप भी पहुंच गए हैं। टनल में फंसे मजदूरों तक मंगलवार को पहुंचने की संभावना जताई जा रही है।

Uttarakhand Tunnel Accident: जानकारी के लिए बता दें कि टनल के अंदर चालीस मजदूर फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए तीसरे दिन भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. अबतक टनल में फंसे मजदूरों से वॉकी टॉकी के जरिए संपर्क किया जा रहा है. इसके साथ ही पाइप के जरिये ऑक्सीजन का भी प्रबंध किया गया है और खाने-पीने का सामान मजदूरों तक पहुंचाया जा रहा है. श्रमिकों के पास रोशनी के लिए मशालें भी हैं.

मलबे की वजह से आ रही रेस्क्यू में रूकावट

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Uttarakhand Tunnel Accident: एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम पुलिस और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर मलबे को हटाने का काम कर रही है. मलबे को ट्रकों के जरिए बाहर निकाला जा रहा है, लेकिन मलबा हटाते वक्त ऊपर से लगातार मिट्टी गिर रही है. आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि मलबा गिरने की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में रुकावट आ रही है. ऐसे में गिरते मलबे से निपटने के लिए शॉटक्रीट विधि का इस्तेमाल किया जा रहा है. जो आंशिक रूप से सफल रही है. रंजीत सिन्हा ने बताया कि सुरंग क्षेत्र की चट्टान काफी ढीली हैं, यहां की मिट्टी भुरभुरी है, जिसकी वजह से मलबा हटाने पर ऊपर से और मलबा गिर रहा है. ऐसे में शॉटक्रीट तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, इसके तहत जैसे ही मलबा हटाया जाता है, उसके तुरंत बाद हाई प्रेशर के साथ छत पर कंक्रीट फेंका जाता है. इस तकनीक से हमें आंशिक सफलता मिल रही है.

स्टील पाइप की मदद से निकाले जायेंगे 40 मजदुर को

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Uttarakhand Tunnel Accident: आपदा सचिव ने बताया कि एक दूसरा विकल्प भी तलाशा जा रहा है, जिसके तहत मलबे में छेद करने के लिए देहरादून से एक ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है. इसके जरिए अंदर फंसे लोगों को निकालने के लिए 900 मिमी स्टील पाइप डालकर रास्ता बनाया जाएगा. उम्मीद है कि बुधवार से टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.

इन राज्यों के श्रमिक फंसे

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Uttarakhand Tunnel Accident: इस टनल में कई राज्यों के मजदूर फंसे हुए हैं. उत्तरकाशी आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर दी गई लिस्ट के मुताबिक टनल में फंसे मजदूरों में सबसे ज्यादा झारखंड के 15 मजदूर हैं. दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश हैं, जिसके 8 मजदूर फंसे हुए हैं. इसके अलावा बिहार के 3, बंगाल के 4, उत्तराखंड के 2, हिमाचल का 1, असम के 2, उड़ीसा के 5 मजदूर शामिल हैं.

ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है ये टनल

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Uttarakhand Tunnel Accident: ये टनल ऑल वेदर रोड परियोजना का हिस्सा है. इसके तहत उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम को जोड़ा जा रहा है. ये सुरंग 4.5 किमी लंबी है, जिसका निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की देखरेख में नवयुग इंजीनियरिंग द्वारा किया जा रहा है. इसके अगले फरवरी तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन इस हादसे के बाद इसमें और वक्त लग सकता है.

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