Timed out in cricket : क्या है क्रिकेट जगत में ‘Timed Out’ और कब पहली बार हुआ था यह, यहां जानिए इसके पीछे की कहानी

Timed out in cricket : इंटरनेशनल क्रिकेट में पहली बार किसी बल्लेबाज को ‘टाइम आउट’ दिया गया है। दरअसल, श्रीलंका के अनुभवी बल्लेबाज एंजेलो मैथ्यूज सोमवार को आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में बांग्लादेश के खिलाफ ‘टाइम आउट’ दिए गए। एंजेलो मैथ्यूज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ‘टाइम आउट’ होने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज बने। लेकिन क्या आपकी पता है इंग्लिश काउंटी क्रिकेट में 104 साल पहले एक बल्लेबाज को भी ‘टाइम आउट’ दिया जा चुका है। 104 साल पहले 22 मई 1919 को ससेक्स और समरसेट के बीच टांटन के मैदान पर इंग्लिश काउंटी क्रिकेट का एक मैच खेला गया था। अब इसके पीछे कि कहानी जानने से पहले … यह जान लेते है कि आखिर क्रिकेट जगत में ये ‘Timed Out’ का रूल क्या है ?
क्या है Timed Out
Timed out in cricket : इस नियम के मुताबिक एक बल्लेबाज के आउट होने के बाद जब नया बल्लेबाज क्रीज पर बैटिंग के लिए तय समय पर नहीं पहुंचता तो उसे टाइम आउट करार दिया जाता है। नए बल्लेबाज को तीन मिनट के अंदर मैदान में आना होता है।
क्रिकेट में कब आया ‘टाइम आउट’
Timed out in cricket : 104 साल पहले हुए उस मैच की कहानी, बता दें कि इस मैच में हारोल्ड हैगेट की टांग चोटिल थी और वे क्रिकेट की जर्सी की जगह साधारण कपड़े पहनकर लंगड़ाते हुए पिच पर अंपायर को ये बताने आए थे कि उन्हें थोड़ा समय लगेगा, लेकिन अंपायर ने उनकी इस अपील को मानने से इंकार कर दिया और उन्हें टाइम आउट दे दिया। इसी के साथ ही ससेक्स की पारी वहीं खत्म हो गई। हैगेट को भले ही अंपायर ने समय पर पिच पर नहीं पहुंचने के कारण टाइम्ड आउट दिया था, लेकिन तब तक क्रिकेट में ऐसा कोई नियम नहीं था।
टाइम आउट पर जमकर हुआ था बवाल
Timed out in cricket : स्कोरर को इसके चलते स्कोरशीट पर हैगेट के नाम के आगे आउट होने के कारण वाले कॉलम में ‘एब्सेंट (गैरहाजिर)’ लिखना पड़ा था। हैगेट को आउट दिए जाने के तरीके को लेकर कई महीने तक बहस चलती रही थी। बाद में एमसीसी (क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था) ने अंपायरों के निर्णय को सही ठहराकर इस बहस को खत्म किया था। आगे ऐसी किसी बहस की गुंजाइश नहीं छोड़ने के लिए एमसीसी ने बाद में क्रिकेट के अंदर टाइम आउट का नियम ही बना दिया था।