IAS save Child Life : इंडिगो फ्लाइट में अचानक 6 महीने के बच्चे की सांसे अटकी, फरिश्ता बन IAS ने ऐसे बचाई जान

IAS save Child Life : इंडिगो फ्लाइट में 6 महीने के बच्चे को अचानक सांस लेने में तकलीफ होने लगी। तभी मसीहा बन दो यात्रियों ने बच्चे की मदद की और उसकी जान बचाई। दरअसल, झारखंड की राजधानी रांची से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में जन्मजात हृदय रोग (Heart Problem) से ग्रस्त एक 6 महीने के बच्चे कि सांस अटक गई और बच्चे की जान बचाने वाले भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी डॉ. नितिन कुलकर्णी और रांची सदर अस्पताल के एक डॉक्टर मिलकर बच्चे का इलाज किया। बता दें कि आईएएस अफसर नितिन कुलकर्णी ने मेडिकल की भी पढ़ाई की है और वर्तमान में झारखंड के राज्यपाल के प्रधान सचिव हैं।

IAS save Child Life
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माता-पिता बच्चे के दिल कि बीमारी के लिए AIIMS ले जा रहे थे

IAS save Child Life : बता दें कि एक घंटे बाद जब विमान नई दिल्ली में लैंड किया, उसके बाद मेडिकल टीम ने बच्चे को अपनी देखरेख में ले लिया और उसे ऑक्सीजन ‘सपोर्ट’ दिया। बच्चे के माता-पिता उसे हृदय संबंधी बीमारी के इलाज के लिए ही अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ला रहे थे। बताया जा रहा है कि इंडिगो के विमान के उड़ान भरने के करीब बीस मिनट बाद चालक दल ने आपातकालीन घोषणा की और एक बच्चे की मदद के लिए विमान में यात्रा कर रहे डॉक्टरों से मदद मांगी. इसके बाद डॉक्टर नितिन कुलकर्णी और रांची के सदर अस्पताल के डॉक्टर मोजम्मिल फिरोज मदद के लिए आगे आए।

IAS ने ऐसे बचाई बच्चे की जान

IAS save Child Life : डॉ नितिन कुलकर्णी ने कहा, ‘बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने पर उसकी मां रोने लगी। मैंने और डॉ. मोजम्मिल ने बच्चे की देखभाल की। वयस्कों वालों मास्क के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति की गई, क्योंकि विमान में कोई शिशु मास्क उपलब्ध नहीं था। हमने उसके मेडिकल रिकॉर्ड की जांच की तो पाया कि बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित था. इलाज के लिए उसके माता-पिता उसे एम्स ले जा रहे थे। ‘

IAS save Child Life : उन्होंने बताया कि दवाओं की किट से थियोफाइलिन इंजेक्शन दिया गया और माता-पिता के पास भी इंजेक्शन डेक्सोना था, जिससे उपचार में काफी मदद मिली इंजेक्शन और ऑक्सीजन देने के बाद बच्चे की तबीयत सुधरने लगी। उन्होंने कहा कि शुरुआती 15-20 मिनट बहुत महत्वपूर्ण और तनावपूर्ण थे। आखिरकार उसकी आंखें सामान्य हो गईं। उन्होंने कहा कि विमान का दल भी बहुत मददगार था और उन्होंने तुरंत सहायता प्रदान की। उड़ान सुबह नौ बजकर 25 मिनट पर यहां उतरी और मेडिकल टीम बच्चे को ऑक्सीजन सपोर्ट देने के लिए पहुंच गई।

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