Diwali 2023: आखिर क्यों भारत के इन जगहों में नहीं मनाई जाती देश का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली, जानें क्या है इसके पीछे कि कहानी

Diwali 2023 : दिवाली का त्यौहार आने में महज कुछ ही दिन बाकी है। इस त्यौहार को देश में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है। लोग घरों में दिए जलाते है सजावट करते है। कहा जाता है कि भगवान राम जब 14 साल का बनवास काट कर आए थे तब अयोध्या भर में लोगों ने घी के दीपक जलाए थेऔर तब से दिवाली का यह खास त्योहार मनाया जाता है। हमारे हिंदी धर्म में दीपावली का त्योहार बेहद खास है। इस दिन भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके साथ ही लोग अपने घर और मंदिरों में दीपक जलाते हैं। भारत के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में भी दिवाली का त्यौहार मनाया जाता है। हालांकि आपको यह जानकार हैरानी भारत में कई जगह है जहां दिवाली का त्यौहार नहीं मनाया जाता साथ ही यहां माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश जी कि भी पूजा नहीं कि जाती है। तो ऐसे में आइए जानते है कि किन जगहों में रोशनी का त्योहार दिवाली नहीं मनाई जाती है और इसके पीछे की मान्यता क्या है?

Diwali 2023: आखिर क्यों भारत के इन जगहों में नहीं मनाई जाती देश का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली, जानें क्या है इसके पीछे कि कहानी
Diwali 2023

दक्षिण भारत के कुछ जगहों में नहीं मनाई जाती दिवाली

Diwali 2023 : इस साल रोशनी का त्योहार दिवाली 12 नवंबर को मनाई जाएगी। इन दिनों दिवाली की हर तरफ धूम है, लेकिन दक्षिण भारत में कुछ जगहों पर दिवाली नहीं मनाई जाती है। इसके पीछे भी वहां के लोगों की कुछ मान्यता है। दरअसल, भारत के केरल राज्य में दिवाली नहीं मनाई जाती है। प्रदेश के सिर्फ कोच्चि शहर में धूमधाम से दिवाली का त्योहार मनाया जाता है।

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यह हैं पीछे की वजह

Diwali 2023 : मान्यता है कि केरल के राजा महाबली की दिवाली के दिन मौत हो गई थी। इसके कारण तब से यहां पर दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है। केरल में दिवाली न मनाने की पीछे दूसरी वजह यह भी है कि हिंदू धर्म के लोग बहुत कम हैं। यह भी बताया जाता है कि राज्य में इस समय बारिश होती है जिसकी वजह से पटाखे और दीये नहीं जलते हैं।

तमिलनाडु के कुछ जगहों में भी नहीं मनाते दिवाली

Diwali 2023 : तमिलनाडु में भी कुछ जगहों पर दिवाली नहीं मनाई जाती है। वहां पर लोग नरक चतुदर्श का त्योहार धूमधाम से मनाते हैं। मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में मनाया जाता है।

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