Birth Certificate: बर्थ सर्टिफिकेट से हो जाएगा एडमिशन से लेकर शादी तक का काम, अब तक न बना तो जानिए क्या करें …

Birth Certificate : 1 अक्टूबर यानि कल से बस एक डॉक्यूमेंट से सारे काम होने वाले है। बर्थ सर्टिफिकेट सिंगल डॉक्यूमेंट बन जाएगा जिससे डमिशन से लेकर शादी तक का काम होगा। अब तक आधार कार्ड सिंगल डॉक्यूमेंट के रूप में इस्तेमाल होता रहा है। अब ‘आधार कार्ड’ बनवाने के लिए भी बर्थ सर्टिफिकेट की जरूरत होगी। दरअसल, केंद्र सरकार ने ‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 2023’ में संशोधन किया है। अब जन्म प्रमाण आधार कार्ड की तरह ही जरूरी दस्तावेज बन जाएगा। ऐसे में अगर आप के पास बर्थ सर्टिफिकेट नहीं तो आइए जानते है बर्थ सर्टिफिकेट कहां और कैसे बनवा सकते हैं।

Birth Certificate
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जन्म के 21 दिन के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट अप्लाई करना जरुरी

Birth Certificate : बच्चे के जन्म के 21 दिन के अंदर बर्थ सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई करना होता है। लेकिन अगर किसी भी वजह से पेरेंट्स उस टाइम पीरियड के अंदर रजिस्ट्रेशन नहीं कराते हैं तो बाद में वो डिले रजिस्ट्रेशन प्रोविजन पंजीकरण अधिनियम की धारा 13 के तहत रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। लेकिन 21 दिन के बाद और 30 दिनों के भीतर अप्लाई करने पर 2 रुपए लेट फाइन देना होगा।

30 दिन बाद हलफनामे की जरूरत

Birth Certificate : अगर आवेदक जन्म प्रमाण पत्र के लिए जन्म के 30 दिनों के बाद लेकिन जन्म के एक साल के भीतर आवेदन करता है, तो उन्हें संबंधित अधिकारी से हलफनामे के साथ लिखित अनुमति और 5 रुपए जुर्माना भरना होगा। और अगर कोई आवेदक जन्म प्रमाण पत्र बनने के एक साल के भीतर आवेदन देने में विफल रहता है, तो उन्हें वेरिफिकेशन के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज मजिस्ट्रेट के पास जमा करने होंगे और 10 रुपए लेट फाइन भरना होगा।

हर राज्य की अलग- अलग प्रक्रिया

Birth Certificate : राज्य या शहर के आधार पर आप जन्म प्रमाणपत्र के लिए आवेदन कर सकते हैं। जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के लिए हर राज्य की अलग प्रक्रिया और अपनी वेबसाइट है। जहां इस सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया जा सकता है। हालांकि, सभी के नियम लगभग समान हैं। संबंधित अधिकारियों को स्टेट म्युनिसिपल काउंसिल के साथ को-ऑर्डिनेट करने की जरूरत होती है। शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य अधिकारियों, नगर स्वास्थ्य अधिकारियों या समकक्ष अधिकारियों को जन्म रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया जाता है। रेफरल अस्पताल, जिला अस्पताल या अन्य सरकारी अस्पतालों के प्रभारी या समकक्ष चिकित्सा अधिकारी को जन्म रजिस्ट्रार के रूप में नियुक्त किया जाता है। देश के 16 राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार ग्राम सेवक, पंचायत कर्मी, सचिव, ग्राम विकासाधिकारी को नियुक्त करती है, जो जन्म रजिस्ट्रार के रूप में काम करते हैं।

इसलिए जरुरी है बर्थ सर्टिफिकेट का होना

Birth Certificate : बर्थ सर्टिफिकेट बच्चे की पहचान का पहला दस्तावेज होता है। इसके बनते ही बच्चे के जन्म का रिकॉर्ड सरकारी विभाग में दर्ज हो जाता है। इससे व्यक्ति की पहचान और आयु प्रमाणपत्र के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यह नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर में पंजीकरण के लिए जरूरी है। जन्म प्रमाणपत्र राज्य सरकार की तरफ से बच्चे के जन्म का मान्यता प्राप्त साक्ष्य होता है। इससे सरकार को जन्म, मृत्यु और जनसंख्या दर की गणना और नागरिकों स्वास्थ्य स्थिति के मूल्यांकन में मदद मिलती है। साथ ही, आम जन से जुड़ी कोई पॉलिसी एक नोटिफिकेशन के जरिए उनके तक पहुंचाई जा सकती है।

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